गाजीपुर। करंडा क्षेत्र के चोचकपुर स्थित मौनी बाबा धाम इस वक्त गंगा की विकराल लहरों से घिर चुका है। चोचकपुर घाट पर पानी का तेज बहाव न केवल घाट की सीढ़ियों तक डूबो दिया है, बाढ़ का पानी जहां आस्था को चुनौती दे रहा है, वहीं प्रशासन की तैयारियां सवालों के घेरे में हैं। गंगा का जलस्तर बीते कुछ दिनों से लगातार बढ़ रहा है। शनिवार को सुबह होते-होते चोचकपुर स्थित मौनी बाबा धाम की सीढ़ियां तक पानी डूबो दिया है। इसके बावजूद भारी संख्या में श्रद्धालु स्नान और दर्शन के लिए पहुंचते रहे, जिससे जान जोखिम में पड़ती रही। घाट पर फिसलन और बहाव के बीच कोई बड़ा हादसा न हो, यह केवल ईश्वर की कृपा कही जा सकती है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन द्वारा चेतावनी के बावजूद घाट पर कोई सुरक्षा घेरा नहीं बनाया गया। न कोई नाविक तैनात है और न ही कोई मेडिकल टीम। ग्रामीणों ने आशंका जताई कि यदि जलस्तर यूं ही बढ़ता रहा, तो मंदिर पूरी तरह जलमग्न हो सकता है।स्थानीय प्रशासन अलर्ट पर होने का दावा कर रहा है, लेकिन धरातल पर इंतज़ाम नाकाफी साबित हो रहे हैं। मौनी बाबा धाम, जो आस्था और शांति का केंद्र माना जाता है, इस वक्त खतरे में है। बड़ी बात यह है किजहां एक ओर बाढ़ की विभीषिका तांडव कर रही है, वहीं दूसरी ओर श्रद्धालुओं की आस्था की डोर उन्हें खींच लाती है। लेकिन आस्था के साथ-साथ सुरक्षा भी जरूरी है। ऐसे में प्रशासन को चाहिए कि घाट पर बैरिकेडिंग, सुरक्षा कर्मी और चेतावनी बोर्ड तत्काल लगाए।जनता की मांग किया कि मौनी बाबा धाम की सुरक्षा सुनिश्चित हो, घाट पर त्वरित राहत एवं बचाव टीम तैनात हो, श्रद्धालुओं को सतर्क करने के लिए मुनादी कराई जाए, भविष्य में बाढ़ से निपटने के लिए स्थायी समाधान तैयार हो।
गंगा की लहरों ने घेरा मौनी बाबा धाम, चोचकपुर घाट पर बाढ़ का कहर
