(गाजीपुर): गंगा गोमती नदियों के बाढ़ का पानी भले ही उतर गया हो पर बाढ़ पीड़ितों की परेशानी कम होने का नाम नही ले रहा है। बाढ़ का पानी उतरने के बाद कीचड़, सडांध और फसली अवशेषों से लोग परेशान है। उपर से बरसात आकर और मुसीबत बढ़ा दे रही है। तेतारपुर, गौरहट और गौरी गांव के किनारे कीचड़ से बदबू और संक्रमण बीमारियों के फैलने का खतरा बढ़ गया है। अमेहता, नुरूद्दीनपुर और खरौना में लोग खुद सफाई करने में जुट गए है। सिधौना गांव में बाढ़ से आये जलकुंभियों का प्रकोप किसानों को परेशान कर रहा है। जलकुंभियों के बीच छिपे विषैले जीवजंतुओं से खतरा बढ़ गया है। सिधौना में जलकुंभी हटा रहे सफाईकर्मी सांपों को देख भाग खड़े हुए। कई किसान सांप की समस्या से ग्रसित भी हो चुके है। खंड विकास अधिकारी सैदपुर धर्मेंद्र यादव ने बुधवार को खेतों में रुके जलकुंभियों को खर पतवार नाशक दवा का छिड़काव कर समाप्त करवा रहे है। बाढ़ का पानी घुसे घरों में दवा का छिड़काव के लिए लोग जनप्रतिनिधियों से गुहार लगा रहे है। घरों के आसपास कीचड़ में मच्छर, विषैले कीट पतंगों से लोग धुंआ लगाकर भगाने का प्रयास कर रहे है। गंगा नदी के बाढ़ से पीड़ित पटना गांव के लोग ब्लीचिंग पावडर की छिड़काव कर संक्रमित बीमारियों से मुक्ति पाने का प्रयास कर रहे है। पशु चिकित्सा विभाग और स्वास्थ्य कर्मियों की टीम लगातार बाढ़ पीड़ित गांवों में दवा वितरण का कार्य कर रहे है।